नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा कि वह पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों को पूरी तरह से खत्म करने का सपना देखते हैं। उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन, इथेनॉल और बायो सीएनजी जैसे वैकल्पिक ईंधन ही इस सपने को पूरा कर सकते हैं।
हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियां कैसे काम करती हैं?
हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियां फ्यूल सेल नामक तकनीक का उपयोग करती हैं। फ्यूल सेल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को मिलाकर बिजली पैदा करते हैं, जो गाड़ी के इलेक्ट्रिक मोटर को चलाता है। इस प्रक्रिया में कोई प्रदूषण नहीं होता है, केवल पानी निकलता है।

हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों के फायदे:
- पर्यावरण के अनुकूल: ये गाड़ियां कोई प्रदूषण नहीं करती हैं, इसलिए ये पर्यावरण के लिए बहुत अच्छी हैं।
- कम मेंटेनेंस: इन गाड़ियों में कम चलने वाले पुर्जे होते हैं, इसलिए इनकी मेंटेनेंस भी कम होती है।
- तेज गति: ये गाड़ियां बहुत तेजी से गति पकड़ सकती हैं।
हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों के नुकसान:
- महंगी: अभी तक ये गाड़ियां बहुत महंगी हैं।
- हाइड्रोजन स्टेशनों की कमी: हाइड्रोजन भरने के लिए अभी बहुत कम स्टेशन उपलब्ध हैं।
- हाइड्रोजन का उत्पादन: हाइड्रोजन का उत्पादन अभी भी महंगा और ऊर्जा-गहन है।
भारत में हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों का भविष्य:
भारत सरकार हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। सरकार का लक्ष्य 2030 तक देश में 1000 हाइड्रोजन स्टेशन स्थापित करना है।
निष्कर्ष:
हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियां भविष्य का ईंधन हो सकती हैं, लेकिन अभी भी कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जैसे-जैसे तकनीक विकसित होगी और हाइड्रोजन का उत्पादन सस्ता होगा, ये गाड़ियां अधिक लोकप्रिय होंगी।
यहाँ कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें हैं:
- हाइड्रोजन तीन प्रकार का होता है: ग्रीन हाइड्रोजन, ब्लैक हाइड्रोजन और ब्राउन हाइड्रोजन। ग्रीन हाइड्रोजन पानी और बायोमास से बनता है, जो सबसे पर्यावरण के अनुकूल है।
- टाटा और अशोक लेलैंड जैसी कंपनियां पहले से ही हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियां विकसित कर रही हैं।
- रेलवे और हवाई जहाज भी हाइड्रोजन से चलने की तकनीक पर काम कर रहे हैं।
यह एक रोमांचक समय है और यह देखना दिलचस्प होगा कि हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियां भविष्य में कैसे विकसित होती हैं।
अधिक जानकारी के लिए:
- हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियां: क्या ये भविष्य का ईंधन हैं?: https://www.youtube.com/watch?v=I0XXIT5y69E