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जैसा आप सभी जानते हैं 12/05/2020 हमारे देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने शाम 8:00 बजे पूरे देश को संबोधित करते हुए आर्थिक पैकेज के बारे में जानकारी दी। इस Aatma Nirbhar Bharat Yojana आर्थिक पैकेज की घोषणा भारत को COVID-19 महामारी के प्रभावों से उबारने और देश को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य के साथ की गई थी। यह रकम 20 लाख करोड़ रुपये थी, जो उस समय भारत की जीडीपी का लगभग 10% थी।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा (12/05/2020) को की गई। Aatma Nirbhar Bharat Yojana का मुख्य उद्देश्य देश की ऐसी जनसंख्या को लाभ पहुंचाना था जो कोरोनावायरस लॉकडाउन की वजह से प्रभावित हुए थे। आर्थिक पैकेज से देश के श्रमिकों, किसान, मजदूर, छोटे कारोबारी और MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र को विशेष रूप से समर्थन देने का लक्ष्य रखा गया था। साथ ही Aatma Nirbhar Bharat Yojana ( Aatma Nirbhar Bharat Yojana ) के तहत MSME की परिभाषा को भी संशोधित किया गया था।
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आत्मनिर्भर भारत योजना नया अपडेट
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भारत सरकार ने अर्थव्यवस्था को अधिक सुधार योग्य बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। इसमें प्रतिस्पर्धात्मकता, पारदर्शिता, डिजिटलाइजेशन , इनोवेशन और पॉलिसी स्थिरता को बढ़ावा दिया गया है। सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित किया है, जैसे कि स्वास्थ्य सेवा, जो कि तेजी से बढ़ रहा है। इस अभियान के तहत, मानसिक स्वास्थ्य को महत्व देते हुए छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के तनाव को दूर करने के लिए ‘मनोदर्पण’ जैसी पहल भी शुरू की गई थी।
Aatmanirbhar Bharat Toll-Free Number Launched (मनोदर्पण)
Aatma Nirbhar Bharat Yojana के तहत शुरू की गई मनोदर्पण योजना का उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करना था। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा एक टोल-फ्री नंबर 8448440632 जारी किया गया था, जिससे लोग बच्चों की पढ़ाई या मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के लिए संपर्क कर सकते थे। यह पहल COVID-19 महामारी के दौरान विशेष रूप से महत्वपूर्ण थी। वर्तमान में, मनोदर्पण पहल के तहत विभिन्न संसाधन और परामर्श सेवाएँ उपलब्ध हैं।
Aatmanirbhar Bharat App
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा जुलाई 2020 में @GoI_MeitY और @AIMtoInnovate के सहयोग से आत्मनिर्भर भारत एप इनोवेशन चैलेंज को लॉन्च किया गया था। इस पहल का उद्देश्य भारतीय स्टार्टअप और टेक समुदाय को प्रोत्साहित करना और स्वदेशी ऐप्स के विकास को बढ़ावा देना था। यह आत्मनिर्भर भारत मिशन का हिस्सा था।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस ऐप चैलेंज को भारतीय ऐप निर्माताओं और निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए एक मंच के रूप में प्रस्तुत किया। इसका लक्ष्य भारत के तकनीकी और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना था।
Aatmnirbhar Bharat App Innovation Challenge
आत्मनिर्भर भारत एप इनोवेशन चैलेंज को विशेष रूप से तब गति मिली जब सरकार ने कई चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया। यह चैलेंज दो ट्रैक में काम करता था:
ट्रैक 1 :- मौजूदा ऐप्स को बढ़ावा देना और अच्छी गुणवत्ता वाले ऐप्स की पहचान करना।
ट्रेक 2 :- नए ऐप्स और प्लेटफार्म बनाने के लिए आइडिएशन से लेकर बाजार तक पहुंचने में मदद करना।
इस चैलेंज के माध्यम से ई-लर्निंग, वर्क फ्रॉम होम, गेम्स, बिजनेस, एंटरटेनमेंट, ऑफिस यूटिलिटीज और सोशल नेटवर्किंग जैसी श्रेणियों में मौजूदा और नए ऐप्स को मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान किया गया।
आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रमुख स्तंभ
हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए पाँच प्रमुख स्तंभों पर जोर दिया है, जिनका उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और सतत विकास सुनिश्चित करना है:
- 1. अर्थव्यवस्था (Economy): जो वृद्धिशील परिवर्तन के बजाय बड़ी छलांग लगाए।
- 2. अवसंरचना (Infrastructure): जो आधुनिक भारत की पहचान बने।
- 3. प्रणाली (System): जो 21वीं सदी की प्रौद्योगिकी संचालित व्यवस्थाओं पर आधारित हो।
- 4. जीवंत जनसांख्यिकी (Vibrant Demography): जो आत्मनिर्भर भारत के लिए ऊर्जा का स्रोत हो।
- 5. मांग (Demand): जहाँ मांग और आपूर्ति श्रृंखला की ताकत का पूरी क्षमता से उपयोग किया जाए।
Aatmanirbhar Bharat: पीएम स्वनिधि योजना अपडेट
देश में कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण छोटे और मध्यम वर्ग के दुकानदारों, विशेषकर रेहड़ी-पटरी वालों (जैसे मोची, पान वाले, धोबी, फल-सब्जी विक्रेता आदि) को भारी आर्थिक क्षति हुई। इनकी मदद के लिए, आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत पीएम स्वनिधि योजना (PM Street Vendor’s AtmaNirbhar Nidhi) जून 2020 में शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य रेहड़ी-पटरी वालों को अपना काम फिर से शुरू करने के लिए किफायती कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करना है। शुरुआत में, इस योजना के तहत ₹10,000 तक का पहला ऋण प्रदान किया गया।
नवीनतम अपडेट (बजट 2025): वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025 के बजट में पीएम स्वनिधि योजना को नया रूप देने की घोषणा की है। इस योजना के तहत अब ऋण सुविधाओं को बढ़ाया गया है और UPI-लिंक्ड क्रेडिट कार्ड भी प्रदान किए जाएंगे, जिनकी सीमा ₹30,000 तक होगी। इस योजना को दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया है और इसमें ₹50,000 तक का तीसरा ऋण भी शामिल किया गया है। इस योजना से अब तक 68 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को लाभ हुआ है।
आत्मनिर्भर भारत योजना – Aatm Nirbhar Bharat Yojana , Arthik Package Yojana
आत्मनिर्भर भारत अभियान का लक्ष्य भारत के नागरिकों और अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाना है। Aatma Nirbhar Bharat Yojana के तहत देश के 130 करोड़ भारतवासियों को आत्मनिर्भर बनाने की नींव रखी गई है, विशेषकर COVID-19 जैसी वैश्विक महामारी के संदर्भ में। श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू किया गया यह अभियान, आर्थिक पैकेज के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों को सहायता प्रदान करता है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान (Arthik Package) के तहत देश के किसान, श्रमिक, मजदूर, छोटे और मझोले कारोबारी तथा MSME उद्योग को प्राथमिकता दी गई है। इन सभी को सरकार आर्थिक पैकेज के तहत विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभ प्रदान कर रही है।
Arthik Package, Aatma Nirbhar Bharat Yojana Highlights
📜 योजना का नाम | 🇮🇳 आर्थिक पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान |
🚀 शुरू किया गया | 👨💼 प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा |
🌏 राज्य | 🏢 केंद्रीय स्तर की योजना (सभी राज्य में लागू) |
🎯 उद्देश्य | 🏆 भारत को आत्मनिर्भर, समृद्ध, संपन्न बनाना, COVID-19 प्रभावितों को राहत |
🗓️ आरंभ की गई | 1️⃣2️⃣/0️⃣5️⃣/2️⃣0️⃣2️⃣0️⃣ |
💰 आर्थिक पैकेज की राशि (प्रारंभिक) | 💲 20 लाख करोड़ रुपए (बाद में अतिरिक्त पैकेज भी घोषित) |
🌐 आधिकारिक वेबसाइट | 🌐 pmindia.gov.in (प्रधानमंत्री कार्यालय), विभिन्न संबंधित मंत्रालयों की वेबसाइटें |
🔑 मुख्य लाभार्थी | 🌾 किसान, 👷 श्रमिक, मजदूर, 🏪 छोटे व्यापारी, रेहड़ी-पटरी वाले, 🏭 MSME, उद्योग |
आर्थिक पैकेज क्या है ? / Arthik Package Kya Hai ?
जैसा की आप सभी को पता है, COVID-19 महामारी और लॉकडाउन के शुरुआती दौर में सरकार ने राहत पैकेज (प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना – PMGKY) की घोषणा की थी, जो लगभग 1.70 लाख करोड़ रुपये का था। आर्थिक पैकेज (आत्मनिर्भर भारत अभियान) इसी का एक वृहद और विस्तृत रूप था, जिसे मई 2020 में घोषित किया गया। इस पैकेज की कुल राशि 20 लाख करोड़ रुपए थी, जो उस समय भारत की जीडीपी का लगभग 10% थी। यह पैकेज RBI द्वारा घोषित उपायों और पहले के राहत पैकेज को मिलाकर बना था। इसके बाद भी सरकार ने आत्मनिर्भर भारत 2.0 और 3.0 जैसे अतिरिक्त पैकेजों की घोषणा की।
Arthik Package को लांच करने के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य कोरोनावायरस कोविड-19 के कारण अर्थव्यवस्था पर पड़े नकारात्मक प्रभाव को कम करना, विभिन्न क्षेत्रों को पुनर्जीवित करना और भारत को आत्मनिर्भर बनाना था। सरकार ने इसके तहत आत्मनिर्भर भारत अभियान भी शुरू किया, जो आर्थिक पैकेज से ही जुड़ा है।
आर्थिक पैकेज , आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किसको लाभ मिलेगा ?
आर्थिक पैकेज का उद्देश्य कोरोनावायरस लॉकडाउन से हुए नुकसान की भरपाई करना और प्रभावित वर्गों को सहायता प्रदान करना था। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों (MSMEs), श्रमिकों, मजदूरों, किसानों, रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे व्यापारियों को प्रमुखता से लाभ दिया गया है।
भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया था। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार ने इन सभी वर्गों को आर्थिक मदद और नीतिगत सुधारों के माध्यम से समर्थन दिया। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत उद्योग धंधे, छोटे व्यापारी, किसान और श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं जैसे कि ऋण गारंटी, सब्सिडी, और तरलता उपायों के माध्यम से लाभ पहुंचाया गया।
MSME के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रमुख घोषणाएं (प्रारंभिक)
कोरोनावायरस के प्रभाव से निपटने और MSME क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए, सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम वर्गीय उद्योग (MSME), जो करोड़ों लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं और देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, उन्हें विशेष राहत दी गई।
MSME के लिए प्रमुख घोषणाएं (मई 2020 पैकेज के अनुसार)
सरकार ने आत्मनिर्भर भारत योजना (Aatmanirbhar Bharat Yojana) या आर्थिक पैकेज (Arthik Package) की घोषणा करते हुए MSME उद्योग को राहत देने के लिए कई कदम उठाए, जिनमें से कुछ प्रमुख घोषणाएं निम्नलिखित थीं:
- ➡️ MSMEs सहित व्यापार के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के कोलेट्रल-फ्री स्वचालित ऋण: इसके तहत MSMEs को बिना किसी गारंटी के अतिरिक्त कार्यशील पूंजी प्रदान करने की घोषणा की गई।
- ➡️ संकटग्रस्त MSMEs के लिए 20,000 करोड़ रुपये का अधीनस्थ ऋण (Subordinate Debt): NPA या संकटग्रस्त MSMEs की मदद के लिए।
- ➡️ MSMEs फंड ऑफ फंड्स के माध्यम से 50,000 करोड़ रुपये का इक्विटी इन्फ्यूजन: विकास क्षमता वाली MSMEs में इक्विटी निवेश के लिए।
- ➡️ MSMEs की नई परिभाषा: निवेश और टर्नओवर के आधार पर नई समग्र परिभाषा लागू की गई, जिससे अधिक इकाइयां MSME के दायरे में आ सकें।
- ➡️ 200 करोड़ रुपये तक की सरकारी खरीद में ग्लोबल टेंडर की अनुमति नहीं: स्थानीय MSMEs को बढ़ावा देने के लिए।
- ➡️ MSMEs के लिए अन्य हस्तक्षेप: जैसे ई-मार्केट लिंकेज, बकाया भुगतान आदि।
- ➡️ व्यापार और श्रमिकों के लिए EPF समर्थन: कुछ शर्तों के तहत EPF योगदान में सरकार की ओर से मदद को बढ़ाया गया।
- ➡️ EPF अंशदान में कमी: नियोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों के लिए अगले 3 महीनों के लिए PF योगदान 12% से घटाकर 10% किया गया (सरकारी कंपनियों को छोड़कर)।
- ➡️ NBFCs/HCs/MFIs के लिए 30,000 करोड़ रुपये की विशेष तरलता योजना।
- ➡️ NBFCs के लिए 45,000 करोड़ रुपये की आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना 2.0।
- ➡️ डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनियों) के लिए 90,000 करोड़ रुपये की तरलता।
- ➡️ ठेकेदारों को राहत: अनुबंध दायित्वों को पूरा करने के लिए 6 महीने तक का विस्तार।
- ➡️ रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए राहत: RERA के तहत पंजीकरण और पूर्णता तिथि का विस्तार।
- ➡️ TDS/TCS दरों में कटौती: गैर-वेतन भुगतानों के लिए TDS और निर्दिष्ट प्राप्तियों के लिए TCS दरों में 25% की कमी।
- ➡️ अन्य कर उपाय: आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीखों का विस्तार आदि।
MSME परिभाषा में नवीनतम अपडेट (2025): हालिया रिपोर्टों के अनुसार, केंद्रीय बजट 2025 में MSME वर्गीकरण मानदंडों में फिर से संशोधन की घोषणा की गई है। निवेश सीमा को 2.5 गुना और टर्नओवर सीमा को दोगुना किया गया है। उदाहरण के लिए, सूक्ष्म उद्यमों के लिए नई निवेश सीमा ₹2.5 करोड़ और टर्नओवर सीमा ₹10 करोड़ है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये परिवर्तन 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होने की सूचना है। (नोट: पुरानी परिभाषा 1 जुलाई, 2020 से प्रभावी हुई थी जिसमें सूक्ष्म उद्यम के लिए निवेश सीमा ₹1 करोड़ और टर्नओवर सीमा ₹5 करोड़ थी)।

आत्मनिर्भर भारत योजना, आर्थिक पैकेज का लाभ किसको मिलेगा ?
- ➡️ देश के गरीब नागरिक
- ➡️ प्रवासी मजदूर
- ➡️ किसान
- ➡️ श्रमिक
- ➡️ पशुपालक
- ➡️ मत्स्य पालन करने वाले (मछुआरे)
- ➡️ संगठित क्षेत्र ,असंगठित क्षेत्र के कामगार
- ➡️ काश्तकार
- ➡️ कुटीर उद्योग
- ➡️ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME)
- ➡️ छोटे व्यापारी
- ➡️ रेहड़ी-पटरी वाले (Street Vendors)
- ➡️ विभिन्न उद्योग (जैसे टेक्सटाइल, रियल एस्टेट आदि)
Aatm Nirbhar Bharat abhiyan , Rahat Package के उद्देश्य !
- ✅ कोरोनावायरस महामारी के आर्थिक प्रभाव का मुकाबला करना और देश की विकास दर को बनाए रखना।
- ✅ देश के कमजोर वर्गों जैसे मजदूर, श्रमिक, किसान, साथ ही लघु, कुटीर, मध्यमवर्गीय उद्योग और छोटे व्यापारियों को वित्तीय और नीतिगत सहायता प्रदान करना।
- ✅ आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना और आयात पर निर्भरता कम करना।
- ✅ मांग और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना, और स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करना (‘वोकल फॉर लोकल’)।
- ✅ संरचनात्मक सुधारों के माध्यम से अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक रूप से मजबूत बनाना।
भारत कैसे आत्मनिर्भर बन सकता है ? : आत्मनिर्भर भारत योजना
भारत ऐतिहासिक रूप से विभिन्न चुनौतियों का सामना करता रहा है और उन पर विजय प्राप्त की है। COVID-19 महामारी ने आत्मनिर्भरता की आवश्यकता को और उजागर किया। आत्मनिर्भर भारत अभियान इसी दिशा में एक कदम है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बताए गए पांच स्तंभों पर ध्यान केंद्रित करके भारत आत्मनिर्भर बन सकता है:
- 1. अर्थव्यवस्था (Economy): क्वांटम जंप लाने वाली अर्थव्यवस्था का निर्माण।
- 2. आधारिक संरचना (Infrastructure): विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का विकास।
- 3. प्रणाली (System): प्रौद्योगिकी-संचालित और कुशल प्रणालियों की स्थापना।
- 4. जनसांख्यिकी (Demography): अपनी जीवंत जनसांख्यिकी का लाभ उठाना।
- 5. मांग और आपूर्ति (Demand and Supply): घरेलू मांग को पूरा करने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनने की क्षमता विकसित करना।
नोट :- भारत इन पांच तत्वों पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है, जिसमें उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजनाएं, स्वदेशीकरण पर जोर, और विभिन्न क्षेत्रों में सुधार शामिल हैं।
आत्मनिर्भर भारत योजना क्या राहत पैकेज और आर्थिक पैकेज दोनों एक ही है ?
“ नहीं ” Aatmanirbhar Bharat अभियान के तहत घोषित 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज, पहले घोषित किए गए 1.70 लाख करोड़ के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) राहत पैकेज और RBI द्वारा किए गए उपायों को मिलाकर एक व्यापक पैकेज था। आर्थिक पैकेज का दायरा राहत पैकेज से कहीं अधिक बड़ा और व्यापक था, जिसमें तात्कालिक राहत के साथ-साथ मध्यम और दीर्घकालिक संरचनात्मक सुधार भी शामिल थे।
राहत पैकेज क्या है और इसका लाभ किसे मिला ?
राहत पैकेज (प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना – PMGKY) सरकार द्वारा COVID-19 लॉकडाउन की शुरुआत में मार्च 2020 में घोषित किया गया था, जिसका बजट लगभग 1.70 लाख करोड़ रुपए था। इसका मुख्य उद्देश्य गरीबों और कमजोर वर्गों को तत्काल राहत पहुंचाना था। इसके लाभार्थी निम्नलिखित थे:
- 1. गरीब परिवार (विशेषकर जो खाद्य सुरक्षा योजनाओं के लाभार्थी हैं)
- 2. किसान (पीएम-किसान लाभार्थी)
- 3. श्रमिक और मजदूर (विशेषकर निर्माण श्रमिक और मनरेगा श्रमिक)
- 4. राशन कार्ड धारक (अतिरिक्त मुफ्त अनाज और दालें)
- 5. मनरेगा जॉब कार्ड धारक (बढ़ी हुई मजदूरी)
- 6. जनधन खाता धारक (महिलाएं)
- 7. विधवा ,बुजुर्ग, विकलांग (पेंशनभोगी)
- 8. संगठित क्षेत्र के कर्मचारी (EPF सहायता)
- 9. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना लाभार्थी (मुफ्त सिलेंडर)
- 10. स्वयं सहायता समूह (SHG)
नोट :- राहत पैकेज के बारे में विस्तार में जाने । ↗️
आर्थिक पैकेज के लाभ , Benefits of Arthik package
Aatmanirbhar Bharat yojana और इसके तहत घोषित आर्थिक पैकेजों के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों और वर्गों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था:
- 1. MSMEs: ऋण उपलब्धता, इक्विटी इन्फ्यूजन, परिभाषा में बदलाव और सरकारी खरीद में वरीयता से लाखों MSMEs और उनसे जुड़े करोड़ों कर्मचारियों को लाभ।
- 2. श्रमिक और मजदूर: मनरेगा के तहत अतिरिक्त आवंटन, EPF सहायता, प्रवासी श्रमिकों के लिए योजनाएं, और ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ जैसी पहलों से करोड़ों श्रमिकों को लाभ।
- 3. किसान: पीएम-किसान के तहत किश्तें, कृषि अवसंरचना कोष, रियायती ऋण (KCC के माध्यम से), पशुपालकों और मत्स्य पालकों के लिए योजनाएं।
- 4. रेहड़ी-पटरी वाले: पीएम स्वनिधि योजना के तहत कार्यशील पूंजी ऋण से लाखों विक्रेताओं को लाभ।
- 5. उद्योग: विभिन्न क्षेत्रों (जैसे कोयला, खनिज, रक्षा, विमानन, बिजली, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा) में संरचनात्मक सुधारों की घोषणा।
- 6. आम नागरिक और करदाता: TDS/TCS दरों में कमी, आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा में विस्तार आदि।
- 7. रियल एस्टेट और आवास: डेवलपर्स और घर खरीदारों के लिए राहत उपाय, किफायती किराये के आवास परिसरों की योजना।
FAQ Aatm Nirbhar Bharat abhiyan , Rahat Package
Q 1. आर्थिक पैकेज क्या है और इसका लाभ किसे मिलेगा ?
Aatmanirbhar Bharat अभियान के तहत मई 2020 में केंद्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए का एक व्यापक आर्थिक पैकेज है। इसका उद्देश्य COVID-19 महामारी के आर्थिक प्रभाव को कम करना और भारत को आत्मनिर्भर बनाना था।
आत्मनिर्भर भारत योजना का लाभ निम्नलिखित सहित विभिन्न वर्गों को मिला/मिल रहा है:
- ➡️ देश के गरीब नागरिक
- ➡️ प्रवासी मजदूर
- ➡️ किसान
- ➡️ श्रमिक
- ➡️ पशुपालक
- ➡️ मत्स्य पालन करने वाले (मछुआरे)
- ➡️ संगठित और असंगठित क्षेत्र के कामगार
- ➡️ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSME)
- ➡️ छोटे व्यापारी और रेहड़ी-पटरी वाले
- ➡️ विभिन्न उद्योग और सेक्टर
Q 2. किसान और श्रमिकों को आर्थिक पैकेज में क्या मिला ?
आत्मनिर्भर भारत पैकेज और संबंधित योजनाओं के तहत किसानों और श्रमिकों के लिए कई उपाय किए गए: किसानों के लिए: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किश्तों का भुगतान जारी रहा, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से रियायती ऋण का विस्तार (पशुपालकों और मछुआरों सहित), कृषि अवसंरचना कोष की स्थापना, और नाबार्ड के माध्यम से अतिरिक्त पुनर्वित्त सहायता आदि। श्रमिकों के लिए: मनरेगा योजना के तहत आवंटन में वृद्धि और मजदूरी बढ़ाई गई, प्रवासी श्रमिकों के लिए मुफ्त अनाज और किफायती किराये के आवास की योजना, ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ का कार्यान्वयन, और संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए EPF सहायता आदि।
Q 3. क्या राहत पैकेज और आर्थिक पैकेज दोनों एक ही है ?
“नहीं” Aatmanirbhar Bharat Abhiyan के तहत घोषित 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज एक व्यापक पहल थी, जिसमें मार्च 2020 में घोषित 1.70 लाख करोड़ रुपए का PMGKY राहत पैकेज और RBI द्वारा उठाए गए तरलता उपाय भी शामिल थे। आर्थिक पैकेज का फोकस तात्कालिक राहत के साथ-साथ मध्यम से दीर्घकालिक आर्थिक सुधारों पर भी था।
Q 4. आर्थिक पैकेज का लाभ लेने के लिए आवेदन कैसे करें ?
आर्थिक पैकेज स्वयं कोई एक योजना नहीं थी, बल्कि यह विभिन्न योजनाओं और उपायों का एक समूह था। लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया उस विशिष्ट योजना या उपाय पर निर्भर करती है जिसके लिए कोई पात्र है। उदाहरण के लिए, MSMEs को ऋण के लिए बैंकों या NBFCs से संपर्क करना पड़ा, किसानों को पीएम-किसान या KCC योजनाओं के तहत लाभ मिला, और रेहड़ी-पटरी वालों ने पीएम स्वनिधि पोर्टल के माध्यम से आवेदन किया। कई लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाए गए (जैसे जनधन खातों में हस्तांतरण, मुफ्त राशन), जबकि अन्य के लिए संबंधित सरकारी विभागों या एजेंसियों के माध्यम से आवेदन करना आवश्यक था।
Q 5. आर्थिक पैकेज में सरकार ने कितना राशि रखा है ?
सरकार द्वारा मई 2020 में घोषित प्रारंभिक आत्मनिर्भर भारत योजना Aatmanirbhar Bharat पैकेज की कुल राशि लगभग 20 लाख करोड़ रुपए थी, जो उस समय भारत के जीडीपी का लगभग दसवां हिस्सा थी। इसमें सरकार के राजकोषीय उपाय और RBI द्वारा प्रदान की गई तरलता दोनों शामिल थे। इसके बाद, सरकार ने आत्मनिर्भर भारत 2.0 और 3.0 के तहत अतिरिक्त उपायों की भी घोषणा की, जिससे कुल पैकेज का आकार और बढ़ गया।
नोट :- आज के इस आर्टिकल में आपने आर्थिक पैकेज (Aatma nirbhar Bharat Abhiyan) आत्मनिर्भर भारत अभियान (Aatma nirbhar Bharat Yojana) की अद्यतन जानकारी प्राप्त की। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इसे लाइक और शेयर जरूर करें।
नोट :- भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है। सरकार की नीतियां और नागरिकों का योगदान मिलकर भारत को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

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Pradhan Mantri Yojana list 2023
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FAQ Aatm Nirbhar Bharat Abhiyan, Rahat Package
Aatmanirbhar Bharat Package केंद्र सरकार के द्वारा 12/5/2020 को घोषित एक व्यापक आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज था, जिसकी राशि 20 लाख करोड़ रुपए थी. इसका उद्देश्य COVID-19 महामारी के आर्थिक प्रभाव को कम करना और भारत को आत्मनिर्भर बनाना था। इसका लाभ निम्नलिखित सहित विभिन्न वर्गों को मिला/मिल रहा है:
➡️ देश के गरीब नागरिक
➡️ प्रवासी मजदूर
➡️ किसान
➡️ श्रमिक
➡️ पशुपालक, मछुआरे
➡️ संगठित/असंगठित क्षेत्र के कामगार
➡️ MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग)
➡️ छोटे व्यापारी, रेहड़ी-पटरी वाले
➡️ विभिन्न उद्योग
आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत किसानों के लिए <a href=”https://sarkariyojnaa.com/pm-kisan-online-registration-and-correction-pm-kisan-status-check/”><strong>प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना</strong></a> जारी रही, कृषि अवसंरचना कोष, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) का विस्तार आदि उपाय किए गए। श्रमिकों के लिए <a href=”https://sarkariyojnaa.com/nrega/”><strong>मनरेगा योजना</strong> </a>में आवंटन बढ़ा, प्रवासी श्रमिकों के लिए राहत योजनाएं, EPF सहायता आदि प्रदान की गई।
“नहीं”. <strong>Aatma Nirbhar Bharat Abhiyan</strong> के तहत घोषित 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज एक व्यापक पैकेज था जिसमें पहले घोषित 1.70 लाख करोड़ का राहत पैकेज (PMGKY) और RBI के उपाय भी शामिल थे। आर्थिक पैकेज का दायरा राहत पैकेज से बड़ा था और इसमें सुधारों पर भी जोर था।
आर्थिक पैकेज विभिन्न योजनाओं का समूह था। लाभ लेने की प्रक्रिया योजना पर निर्भर करती थी। कुछ लाभ सीधे मिले (जैसे मुफ्त राशन), जबकि अन्य के लिए संबंधित पोर्टल (जैसे पीएम स्वनिधि) या संस्थानों (जैसे बैंकों से ऋण) के माध्यम से आवेदन करना पड़ा।
सरकार द्वारा मई 2020 में घोषित प्रारंभिक आर्थिक पैकेज की कुल राशि लगभग 20 लाख करोड़ रुपए थी, जो उस समय भारत के जीडीपी का लगभग दसवां हिस्सा थी। बाद में अतिरिक्त पैकेज (आत्मनिर्भर भारत 2.0, 3.0) भी घोषित किए गए।
The relief package (Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojana – PMGKY) was launched by the government in March 2020 under which the government <strong>kept a budget of about Rs 1.70 lakh crore</strong> to provide immediate relief to the poor and vulnerable sections affected by the COVID-19 lockdown. The beneficiaries included:
1. Poor families (under food security schemes)
2. Farmers (PM-KISAN beneficiaries)
3. Workers (MNREGA, Construction)
4. Ration Card Holders (Free grains)
5. Jan Dhan Account holders (Women)
6. Widows, Elderly, Disabled (Pensioners)
7. EPF Subscribers (certain categories)
8. Ujjwala beneficiaries (Free cylinders)
9. Self Help Groups (SHGs)